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FLN and Preparatory Classes Teachers FLN और प्रीपपेटरी कक्षाओं हेतु शिक्षकों के प्रशिक्षण के आधार पर कक्षाएँ आवंटित करने के निर्देश

FLN and Preparatory Classes  Teachers FLN और प्रीपपेटरी कक्षाओं हेतु शिक्षकों के प्रशिक्षण के आधार पर कक्षाएँ आवंटित करने के निर्देश

FLN (Foundational Literacy and Numeracy) 

FLN और प्रीपपेटरी कक्षाओं हेतु शिक्षकों के प्रशिक्षण के आधार पर कक्षाएँ आवंटित करने के निर्देश

शिक्षकों को कक्षा आवंटन हेतु राज्य शिक्षा केंद्र के नए निर्देश 

अधिकांश जिलों में कक्षा 1 से 4 तक का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। मॉनीटरिंग के दौरान यह देखा गया कि कई स्थानों पर शिक्षकों को उनकी प्रशिक्षित कक्षाओं से इतर कक्षाएँ आवंटित की जा रही हैं। इसे ध्यान में रखते हुए कुछ महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए हैं।

राज्य शिक्षा केंद्र, मध्यप्रदेश द्वारा FLN एवं प्रीपपेटरी कक्षाओं हेतु शिक्षकों द्वारा प्राप्त प्रशिक्षण के अनुसार कक्षाएँ आवंटित करने के सम्बन्ध में नए दिशा निर्देश जारी किये है, RSKMP के आदेश क्र/राशिके/पापु/FLN/2024/2133, भोपाल, दिनांक 24/09/2024 के निर्देश की प्रमुख बातें इस प्रकार है -

कक्षा आवंटन के नियम

1. कक्षा 1 और 2 के लिए प्रशिक्षित शिक्षक:  

जिन शिक्षकों ने कक्षा 1 और 2 का प्रशिक्षण प्राप्त किया है, उन्हें इन कक्षाओं का अध्यापन करना चाहिए।

2. कक्षा 3 और 4 के लिए प्रशिक्षित शिक्षक:  

कक्षा 3 और 4 का प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षकों को इन कक्षाओं का ही अध्यापन कार्य सौंपा जाना चाहिए।

3. दो शिक्षक वाली शालाएँ:  

यदि किसी शाला में केवल दो शिक्षक उपलब्ध हैं, तो कक्षा 3 और 4 के शिक्षक को ही कक्षा 5 का भी अध्यापन कार्य सौंपा जाएगा।

4. तीन शिक्षक वाली शालाएँ:  

तीन शिक्षक उपलब्ध होने पर, कक्षा 5 के लिए एक अलग शिक्षक को नियुक्त किया जा सकता है।

5. कक्षा विभाजन के नियम:  

यदि तीन से अधिक शिक्षक उपलब्ध हैं, तो कक्षाओं का विभाजन इस प्रकार किया जाए कि प्रत्येक शिक्षक को दोनों कक्षाओं के आधे-आधे छात्र सौंपे जाएँ।

विकासखंड स्तरीय मास्टर ट्रेनरों के लिए निर्देश

जो मास्टर ट्रेनर किसी विशेष कक्षा के लिए प्रशिक्षित हैं और प्राथमिक शाला में कार्यरत हैं, उन्हें अनिवार्य रूप से उन्हीं कक्षाओं का अध्यापन कार्य सौंपा जाना चाहिए जिनका उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त किया है। 

 मास्टर ट्रेनरों की मॉनीटरिंग प्रक्रिया

1. अकादमिक मॉनीटरिंग:  

जिला, विकासखंड और जनशिक्षा केन्द्र स्तर से प्रत्येक माह में न्यूनतम दो शालाओं की मॉनीटरिंग की जानी चाहिए। इसमें यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि विकासखंड स्तरीय मास्टर ट्रेनरों की शालाएँ अनिवार्य रूप से शामिल हों।

2. मॉनीटरिंग के मापदंड:  

मॉनीटरिंग के दौरान यह देखा जाए कि मास्टर ट्रेनरों की शालाओं में कक्षागत प्रक्रियाएँ, लर्निंग किट का उपयोग, पुस्तकालय का उचित उपयोग और बच्चों का सीखना सुनिश्चित हो रहा हो।

आदर्श शाला का विकास

मास्टर ट्रेनरों की शालाओं को आदर्श शालाओं के रूप में विकसित करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। इन शालाओं के उत्कृष्ट प्रयासों को अन्य शालाओं में लागू करने के प्रयास किए जाएँ, ताकि सभी शालाएँ बच्चों की शिक्षा में उन्नति कर सकें।

निष्कर्ष

शिक्षकों को उनके प्रशिक्षण के अनुसार कक्षाएँ आवंटित करना आवश्यक है, ताकि वे अपनी क्षमताओं का पूरा उपयोग कर सकें। साथ ही, मास्टर ट्रेनरों की शालाओं की नियमित मॉनीटरिंग से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार सुनिश्चित किया जा सकेगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

 1. FLN और प्रीपपेटरी कक्षाओं का क्या मतलब है?

FLN (Foundational Literacy and Numeracy) का उद्देश्य प्रारंभिक कक्षाओं (कक्षा 1-5) में बच्चों के पढ़ने, लिखने और गणितीय कौशल को मजबूत करना है। प्रीपपेटरी कक्षाएँ बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा के लिए तैयार करती हैं।

2. कक्षा 1 से 4 के शिक्षकों को किस प्रकार का प्रशिक्षण दिया जाता है?

कक्षा 1 से 4 के शिक्षकों को FLN के तहत विभिन्न शिक्षण तकनीकों, पाठ योजनाओं और शैक्षिक सामग्री का उपयोग करके बच्चों की नींव मजबूत करने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है।

3. यदि शाला में केवल दो शिक्षक हैं, तो कक्षा आवंटन कैसे किया जाएगा?

यदि शाला में केवल दो शिक्षक हैं, तो कक्षा 3 और 4 के प्रशिक्षित शिक्षक को कक्षा 5 का भी अध्यापन कार्य सौंपा जाएगा। 

4. तीन शिक्षक होने पर कक्षाओं का विभाजन कैसे किया जाएगा?

तीन शिक्षक उपलब्ध होने पर, कक्षा 5 के लिए एक अलग शिक्षक नियुक्त किया जा सकता है। इससे शिक्षकों को उनके प्रशिक्षण के अनुसार कक्षाएँ आवंटित की जा सकेंगी।

5. मास्टर ट्रेनर किसे कहा जाता है?

मास्टर ट्रेनर वह शिक्षक होते हैं जिन्हें विशेष कक्षाओं के लिए उन्नत प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि वे अन्य शिक्षकों को भी मार्गदर्शन कर सकें और कक्षाओं में बेहतर शिक्षा दे सकें।

6. मास्टर ट्रेनरों की शालाओं की मॉनीटरिंग कैसे की जानी है?

जिला और विकासखंड स्तर से हर महीने कम से कम दो शालाओं की मॉनीटरिंग की जाती है। इसमें मास्टर ट्रेनरों की शालाओं का निरीक्षण अनिवार्य होता है, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि वहाँ सभी शैक्षिक प्रक्रियाएँ सही ढंग से चल रही हैं।

7. आदर्श शाला का क्या उद्देश्य है?

आदर्श शाला का उद्देश्य मास्टर ट्रेनरों की शालाओं को अन्य शालाओं के लिए एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करना है, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता को समान रूप से बेहतर बनाया जा सके।

8. शिक्षकों को उनके प्रशिक्षण के अनुसार कक्षाएँ आवंटित करना क्यों जरूरी है?

शिक्षकों को उनके प्रशिक्षण के अनुसार कक्षाएँ आवंटित करने से वे अपनी विशेषज्ञता का उपयोग कर बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान कर सकते हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होता है और बच्चों की सीखने की प्रक्रिया में निरंतरता बनी रहती है।

RSKMP New Order Date 24-09-2024

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